Header Ads Widget

Responsive Advertisement

क़ब्र और जनाजे में फूल डालना कैसा

 क़ब्र और जनाजे में फूल डालना कैसा 

सवाल 

क़ब्र और जनाजे में फूल डालना कैसा ?

जवाब

मुसलमानों का क़ब्रों पर फूल डालना जायज़ और बेहतर और अच्छे अमल हैं 

जैसे कि बहारे शरीअत रद्दुल मोहतार के हवाले से है कि क़ब्र पर फूल डालना बेहतर है कि जब तक तर रहेंगे तस्बीह करेंगे और मैय्यत का दिल बहलेगा (बहारे शरीअत,जिल्द 3,सफा 853)जनाजा पर फूल या फूल के चादर डालने में कोई हर्ज नहीं है (बहारे शरीअत,जिल्द 3,सफा 855)

इन दोनों हवाला से साबित हुआ कि मुसलमानों की क़ब्र पर फूल डालना एक बेहतर अमल है और हमेशा से अहले सुन्नत के मानने वाले इस पर अमल पैरा हैं और किसी ने भी इस बेहतर अमल पर कोई सवाल नहीं उठाया मगर अभी के इस दौर में एक गुमराह और फितना परवर जमात पैदा हुई जिसने मुसलमानों में बहुत फितना और इंतेशार किया और कई जायज़ और उम्दा अमाल को ना जायज़ और बिदअत कहा उसी में से एक क़ब्रों में फूल डालना है इस लिए क़बरों पर फूल डालने को अच्छा समझना और उस पर अमल पैरा होना अहले सुन्नत के मामुलात हैं और उसे बुरा समझना और बुरा समझ कर मना करना देवबंदियों की अलामात है अब अगर कोई बुरा समझ कर मना करे तो देवबंदी वहाबी होने का गुमान किया जाएगा मगर इस मना की वजह से उसे देवबंदी या काफ़िर नहीं कहा जाएगा 

Post a Comment

0 Comments