हज़रत अली की नसीहत
हजरत अली की प्यारी बातें
जो शख़्स ज्यादा फिक्र करता है उसका खात्मा और अंजाम अच्छा होता है।
किसी दूसरे के गुलाम मत बनो जब की अल्लाह तआला ने तुमको आज़ाद किया है।
उस शख़्स से बढ़ कर कौन ज्यादा नुकसान में हो सकता है, जो आखेरत को दुनियां के बदले बेच डालता है।
खुश बख्त को आखेरत की और बद बख्त को दुनियां की फिक्र लगी रहती है ।
जो शख़्स अपने दिन को बिगाड़ देता है वह अपनी आखेरत को बर्बाद करता है।
अपनी उम्मीदों को छोटा कर क्योंकि तेरी मौत निहायत नज़दीक है।
मौत को हमेशा याद रखो मगर मौत की आरज़ू कभी ना करो।
मोमिन की शराफत उसका ईमान और उसकी इज़्ज़त ईताअते इलाही है।
ईमान से नेक कामों का पता चलता है ।
इमान की बुन्याद सिद्क यानी सच और अमानत पर है।
अपने ईमान को यक़ीन के साथ मज़बूत करो क्योंकि ये दिन का बेहतरीन हिस्सा है।
ईमान वह रोशन सितारा है जो कभी बे नूर नहीं होता।
जीस शख़्स में ईमान नहीं उसके लिए नजात नहीं।
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