Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika – तहज्जुद की नमाज़ का सही तरीक़ा
Tahajjud ki namaz padhne ka tarika बस उसी तरह से है जिस तरह से फजर से ईशा तक की नमाज़ पढ़ते हैं उसी तरह से तहज्जुद की नमाज़ भी पढ़ा जाता है
सिर्फ नियत और रकअत में ही फ़र्क मिलेगा मतलब ये कि तहज्जुद की नमाज़ की नियत और नमाज़ों की नियत से अलग होती है और दो दो रकात करके पढ़ी जाती है
जब आप नींद से जग जाएं तो बेहतर और इतमीनान से वजू करें फ़िर वजू करने के बाद आप जहां नमाज़ पढ़ा करते हैं वहां पर मुसल्ला बिछा दें और नमाज़ के लिए खड़े हो जाएं और फिर तहज्जुद की नमाज़ की नियत करें
Tahajjud ki Namaz ki niyat ।। तहज्जुद की नमाज़ की नियत
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हर नमाज़ की नियत होती है और नियत से नमाज़ शूरू की जाती है
और हम सब जानते हैं कि तहज्जुद की नमाज़ नफल नमाज़ है तो इसकी नियत भी नफल नमाजों की तरह ही होगी तो तहज्जुद की नमाज़ की नियत नीचे लिखे गए लफ़्ज़ों से करनी है
" नियत करता हूं मैं 2 रकअत नफल नमाज़ तहज्जुद की वास्ते अल्लाह तआला के मुंह मेरा काबा शरीफ़ की तरफ़ " अल्लाहु अकबर कह कर हाथों को बांध लें
नियत करने के लिए अपने दोनों हाथों के उंगलियों को अपने कानों के लौ तक लाना है फ़िर दोनों हाथों को नाफ के नीचे बांध लेना है फ़िर सना पढ़ना है
- पहला सना पढ़ें " सुब्हानका अल्लाहुम्मा व बिहमदिका व तबारकस्मुका व तआला जद्दूका वला इलाहा गैरूका "
- दूसरा ताऊज पढ़ें यानी "अउजो बिल्लाही मिनश शैतानीर रजिम बिस्मिल्लाहिर रहमानिर रहीम "
- फिर सुरह फतिहा पढ़ें यानि अल्हमदो लिल्लाह आखिर तक
- फ़िर क़ुरान शरीफ़ की कोई एक सूरह पढें जो आपको याद हो
- उसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकु में जाएं और रुकु में कम से कम तीन बार "सुब्हान रब्बियल अज़ीम" कहें
- फ़िर "समी अल्लाहो लेमन हमीदाह" कहते हुए खड़े हो जाएं और जब आप सही से खड़े हो जाएं तो एक बार " रब्बना लकल हम्द " भी कहें
- फ़िर "अल्लाहु अकबर"कहते हुए सजदे में जाएं और दो सजदे करें और दोनों सजदे में कम से कम तीन बार " सुब्हान रब्बियल आला " कहें
Tahajjud Ki Namaz Ka Tarika औरतों के लिए
औरत के लिए भी यही तरीक़ा होगा जो उपर बताया गया है जिस तरीक़े से औरतें अपनी नमाज़ पढ़ा करतीं हैं बस उसी तरह से तहज्जुद की भी नमाज़ पढ़ेंगी
और उनको भी तहज्जुद की नमाज़ की नियत करनी होगी जो हमने ऊपर बताई है
इस्लामिक सवाल जवाब ग्रुप।
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