islamic sawal jawab quiz hindi
📝 सवाल
पानी के बारे में सही मालूमात
📝 जवाब
असल कायदा ये है कि अगर नजासत की वजह से उसका रंग, मज़ा या बु बदल जाय तो नजीस (नापाक)हो जाएगा थोड़ा या ज्यादा और अगर नजासत उसे नहीं बदलती है तो पाक ही होगा
लेकिन अगर थोड़ा हो तो एहतियातन और अलीमों की इख्तिलाफ से निकलते हुए उस से तहारत हासिल नहीं करनी चाहिए
इसी तरह हज़रत अबु हुरैरह की रवायत की हुई हदीस पर अमल हो जायेगा जिसे वह मर्फुअन बयान फरमाते हैं कि
"अगर कुत्ता तुम्हारे किसी एक के बर्तन में मुंह डाल जाए तो उसे उंडेल दे "
📚 सही मुस्लिम {279/89}
📝 सवाल
उस आदमी का हुक्म जिसने ऐसे तालाब से वजू किया जिसमें बारिश का पानी जमा होता है ?
📝 जवाब
अगर उस पानी का रंग, मज़ा और बु नजासत की वजह से नहीं बदला तो उस में पैदा होने वाले कीड़े मकोड़े नुकसान देह नहीं हैं क्योंकि उनसे बचना ना मुमकिन है मुशक्कत के सबब मुआफी दे दी गई है इस लिए उससे वजू करना जायज़ है
📚 अल्जन्नतुलदाईमह {5896}
📝सवाल
बदले हुए पानी का हुक्म?
📝जवाब
अगर पानी की तब्दीली नजासत की वजह से हो तो उस से पाकी हासिल करना सही नहीं ना वजू के लिए ना नहाने के लिए और ना ही उस से कपड़ा धोना जायज़ है और अगर तब्दीली किसी पाक चीज़ से पैदा होती है या ज़्यादा देर ठहरा रहने की वजह से हो तो उससे वजू और गुसल और दीगर नजासतों का दूर करना भी जायज़ है
अल्जन्नतुल दाईमह {11108}
📝सवाल
पानी के नालियों का हुक्म?
📝जवाब
पानी के बारे में असल कायदा ये है कि वह पाक है और पानी की नालियां बॉल व बराज की वजह से नापाक हो जाती है अगर ये चलती रहे और नजासत ख़त्म हो जाए और गन्दगी की बु रंग और मज़ा ख़त्म हो जाए तो पाक हो जायेंगी और दूसरी सुरतों में नापाक ही रहेगी इस लिए कि इस में गन्दगी के आसार बहुत बाक़ी है
अल्जन्नतुल दाईमह {3159}
📝सवाल
हौज के पानी की पाकी जब कि उसमें कोई जानवर गीर जाय ?
📝जवाब
अगर हराम जानवर गीर जाय जैसे कि बिल्ला सांप वगैरह या हलाल जानवर गीर जाय जैसे कि कबूतर और मुर्गी वगैरह और उसमें मरे नहीं तो असल का ऐतबार करते हुए पानी को पाक ही समझा जाए गा और अगर ये हैवानात पानी में गीर कर मर जाए तो पानी कम हो तो नापाक हो जायेगा और अगर ज्यादा हो और उसका रंग बु और मज़ा नहीं बदले तो नापाक नहीं होगा
अहले सुनन ने हज़रत अबु सईद खुदरी से रवायत करते हैं कि नबी करीम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने फ़रमाया कि
" जब पानी दो मटके तक पहुंच जाए तो वह गन्दगी को कुबूल नहीं करता "
सही सुन्न अबिदाऊद {63}
और मुस्नदे अहमद में है कि
" जब पानी दो मटके हो तो कोई चीज़ उसे नापाक नहीं कर सकती "
📚सही सुन्न अबिदाऊद {65}
एक मटके का मौजूदह वज़न 227 किलोग्राम होता है
📝सवाल
मिट्टी और घांस भुस से गंदा होने वाले पानी से वजू?
📝जवाब
उस जैसे पानी से वजू और गुसल और उसे पीना जायज़ है क्यूंकि उसका नाम अब भी पानी ही है इस लिए वह पाक है मिट्टी और घांस वगैरह उसकी पाकी को ख़त्म नहीं कर सकती
📚 मजमुउल फतावा वल मकालात {10/17}
📝 सवाल
मखलूत (मिला हुआ) पानी से वजू का हुक्म?
📝 जवाब
पानी का पाकीज़ा चीज़ों या उन अदवियात से मुतगैयूर होना जो तकलीफ़ देह चीज़ों से बचाओ के लिए इस्तेमाल होती है नुकसान देह नहीं है लेकिन एक शर्त पर कि पानी का नाम अपनी हालत पर बरक़रार रहे चाहे कुछ तब्दीली दिख भी जाय जैसे कि वह काई के पैदा होने से पहले या पेड़ के पत्तों और मिट्टी वगैरह से ये चीज़ें नुकसान देह नहीं है पानी अपनी असली सूरत में पाक ही रहेगा और ये कि पानी ऐसी चीज़ से बदले जिसकी वजह से पानी को पानी का नाम ना दिया जा सके बल्कि उसे कोई और ही चीज़ बना दे जैसा कि दूध जबकि उसे पानी में डाला जाए और वह लस्सी या चाय बन जाए या पानी शोरबे की सुरत इख्तियार करले तो उसके साथ वजू करना दुरुस्त नहीं है क्यूंकि अब ये पानी के बजाय कोई और चीज़ बन गई है लेकिन अगर पानी में कोई ऐसी चीज़ गिरे जो पाक हो और पानी की शक्ल व सूरत ना बदले जैसा कि मिट्टी और भूसा वगैरह तो ये नुकसान देह नहीं है और अगर नजासत गिर जाए जिससे पानी का रंग या बु या मज़ा बदल जाए या थोड़ा पानी हो और नजासत से अलग हो जाए तो खराब हो जाए गा और इसका इस्तेमाल जायज़ नहीं है
📚मजमुउल फतावा वल मकालात {19/10}
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