बे वजू अज़ान पढ़ने का मसअला ?
बे वजू अज़ान नहीं पढ़ना चाहिए, लेकीन अगर कोई पढ़ दे तो अज़ान सही हो जाती है, और उस अज़ान के बाद जो नमाज़ पढ़ी जाएगी वह भी सही है, लेकीन बे वजू अज़ान पढ़ने की आदत बना लेना सही नहीं है।
आला हज़रत फरमाते हैं,
"बे वजू अज़ान पढ़ना जायेज़ है, ब इं माना की अज़ान हो जायेगी लेकिन चाहिए नहीं!"
(फतावा रजविया, जिल्द 5, सफाह 373)
खुलासा ये है कि
कभी कभी बे वजू भी अज़ान पढ़ी जा सकती है , लेकिन बेहतर और अच्छा तरीका यही है कि अज़ान वजू के साथ पढ़ी जाए।
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