Namaz Padhne ka Tarika in Hindi, नमाज का तरीका
दोस्तो आज हम अच्छे से बात करेंगे नमाज़ का तरीका के बारे में तो चलिए बात शुरु करते हैं Namaz Padhne ka Tarika in Hindi
नमाज़ या तो 2 रकात की होती है या 3 रकात की या 4 रकात की, एक रकात में एक क़याम एक रुकु और दो सजदे होते हैं , नमाज़ का तरीका कुछ इस तरह से है।
1, नमाज़ के लिए किब्ला रुख खड़े हो कर नमाज़ के ईरादे के साथ अल्लाहु अकबर (तकबीर)कह कर हाथ बांध लीजिए
2, हाथ बांधने के बाद सना पढ़िए
सना के अल्फाज़ कुछ इस तरह से है , सुब्हानका अलाहुम्मा व बेहमदिका व तबारक इस्मुका व तआला जद्दुका वला इलाहा गैरुका
(मतलब, ऐ अल्लाह में तेरी पाकी बयान करता हुं और तेरी तारीफ़ करता हुं और तेरा नाम बरकत वाला है बुलंद है तेरी शान और नहीं है माबुद तेरे सिवा कोई )
3, इसके बाद ताअऊज पढ़े (अउजो बिल्लाही मिनश शैतानिर रजीम बिस्मिल्लाहिर रहमानीर रहीम )
4, उसके बाद सुरए फातिहा पढ़ें
5, सुरए फातिहा के बाद कोई एक सुरा और पढें
6, उसके बाद अल्लाहु अकबर कह कर रुकुअ में जाएं
7, रुकुअ में जाने के बाद अल्लाह की तस्बीह बयान करें जैसे सुब्हान रब्बीयल अज़ीम (मतलब, पाक है मेरा रब अजमत वाला )
8, उसके बाद समिअल्लाहू लीमन हमीदह कहते हुए रुकुअ से खड़े हो जाएं
9,और खड़े होने के बाद , रब्बना व लकल हम्द ज़रूर पढ़ें
10. उसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जाएं
11. सजदे में फिर से अल्लाह की तस्बीह बयान करें , सुब्हान रब्बीयल आला (मतलब, पाक है मेरा रब जो बड़ी शान वाला है )
12. उसके बाद अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे से उठ कर बैठ जाएं
13.और फीर दोबारा अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जाएं
14. सजदे में फिर से अल्लाह की तस्बीह करें सुब्हान रब्बीयल आला (मतलब, पाक है मेरा रब जो बड़ी शान वाला है )
अब दो रकअत नमाज़ होने के बाद तशहुद में बैठिए
15. तशहुद में बैठ कर सबसे पहले अत्तहिय्यात पढ़ें , जो अल्लाह के प्यारे रसूल अकरम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम ने सिखाए हैं वह अल्फाज़ ये हैं
( अत्तहिय्यातो लिल्लाही वस्सलावतो वत्तैय्यबातो वस्सलामो अलैका अय्योहन नबिय्यो रहमतुल्लाही व बरकातहु अस्सलामो अलैना व आला इबादिल्लाहीस सालेहीन अशहदो अल्ला इलाहा इल्लल्लाहो व अशह्दो अन्ना मोहम्मदन अब्दुहु व रसूलहु )
16. उस के बाद दरूद शरीफ पढ़ें और वह ये है
( अल्लाहुम्मा सल्ले अला मोहम्मद व अला आले मोहम्मद कमा सल्लैता अला इब्राहिमा व अला आले इब्राहीमा इन्नका हमीदुम मजीद, अल्लाहुम्मा बारीक अला मोहम्मद व अला आले मोहम्मद कमा बारकता अला इब्राहिमा व अला आले इब्राहीमा इन्नका हमीदुम मजीद )
17. उसके बाद दुआ ए मासुरा पढ़ें मतलब कोई भी ऐसी दुआ जो कुरआनी सूरों से हट कर हो साफ साफ बताऊं तो आपको अपने लिए को भी चाहिए वो मांग लिजिए मगर दुआ के अल्फाज़ अरबी में होनी चाहिए
18. आज के मुस्लिम नौजवानों की हालत पर नज़र रखते हुए उन्हें ये दुआ नमाज़ के आख़िर में पढ़नी चाहिए
(अल्लाहुम्मा इन्नी असअलुका इल्मन नाफिया व रिज़कन तैय्यिबा व अमलम मुतकब्बला )
जिसका मतलब है (ऐ अल्लाह मैं तुझसे ऐसे इल्म का सवाल करता हूं जो फायदेमंद हो ऐसे रिज्क का सवाल करता हूं जो पाक हो और ऐसे अमल का सवाल करता हूं जिसे तू क़ुबूल करे)
इस तरह से अगर आप दो रकअत नमाज़ की नियत किए हैं तो सलाम फेर सकते हैं (अस्सलामो अलैकुम व रहमतुल्लाह) कहकर आप दोनों तरफ़ सलाम फेर सकते हैं
तीन रकअत नमाज़ का तरीका
दो रकअत नमाज़ पढ़ने के बाद तशहुद में सिर्फ़ अत्तहिय्यात पढ़ ले
और फ़िर तीसरे रकअत पढ़ने के लिए खड़े हो जाएं इस रकअत में सिर्फ़ सुर ए फातिहा पढ़ें और रुकुअ के बाद दो सजदे करके तशहूद में बैठें
तशहुद उसी तरह पढ़ें जैसे उपर बताया गया है और अत्तहिय्यात दूरुद शरीफ और दुआ ए मासूरा पढ़ने के बाद सलाम फेर दे
चार रकअत नमाज़ का तरीका
दो रकअत नमाज़ पढ़ने के बाद तशहुद में सिर्फ़ अत्तहिय्यात पढ़ ले और फ़िर तीसरे रकअत पढ़ने के लिए खड़े हो जाएं
इस रकअत में सिर्फ़ सुर ए फातिहा पढ़ें और रुकुअ के बाद दो सजदे करके चौथी रकअत के लिए खड़े हो जाएं
और चौथी रकअत भी उसी तरह पढ़ें जैसे तीसरी रकअत पढ़ें हैं फिर चौथी रकअत के बाद तशहूद में बैठें
तशहुद उसी तरह पढ़ें जैसे उपर बताया गया है और अत्तहिय्यात दूरुद शरीफ और दुआ ए मासूरा पढ़ने के बाद सलाम फेर दे
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