السلام علیکم ورحمتہ اللہ وبرکاتہ
तहज्जुद की नमाज़ किया है ।। Tahajjud Kiya Hai
दोस्तो मैं उम्मीद करता हूं कि आप सब खैरियत से होंगे आज हम तहज्जुद की नमाज़ के बारे में बात करेंगे
वैसे नमाज़ तहज्जुद के बारे में थोड़ी बहुत आप सब को जानकारी ज़रूर होगी ,
आपको बता दें कि तहज्जुद की नमाज़ को {Night Prayer, या Qiyamul Lail} के नाम से जानते हैं , मतलब ये कि रात को पढ़ी जाने वाली नमाज़
तहज्जुद की नमाज़ ईशा की नमाज़ के बाद शुरू होती है तहज्जुद शब्द हुजूद से लिया गया है जिसका मतलब होता है (क़ुरान के साथ जागना)
आप सभी को मालूम होनी चाहिए कि तहज्जुद नमाज़ की फजीलत बहुत बड़ी फजीलत है
हदीसों से साफ़ पता चलता है कि रात के आखरी पल में अल्लाह अपने पूरे लुतफो करम और ख़ास शाने रहमत के साथ ज़मीन पर अपने इबादत गुज़ार बंदों को देखता है
और जीन बंदों को अल्लाह ने अक्लो शउर दिया है वो तो इस बा बरकत वक्त में तहज्जुद की नमाज़ पढ़ कर उन बरकतों को हासिल करते हैं
इस लिए वो चैन की नींद को छोड़ कर और शैतान को चकमा देकर वजू करके हाथ बांध कर खड़े हो जाते हैं अल्लाह के सामने और इस बा बरकत वक्त में अल्लाह के सामने रुकुअ और सजदा करते हैं
अपनी गुनाहों पर रोते हैं और अपनी मगफिरत की दुआ करते हैं जिसका फायदा ये होता है कि अल्लाह तआला ऐसे लोगों के चेहरे पर एक ख़ास तरह का नूर अता फरमाता है
तहज्जुद की नमाज़, फर्ज़ नमाज़ नहीं बल्कि नफल नमाज़ है अगर आप इस नमाज़ को नहीं भी पढ़ेंगे तो कोई बात नहीं आपको कोई गुनाह नहीं होगा मगर आप अल्लाह तआला की बहुत सारे खजानों से महरूम रह जायेंगे
और अगर आप तहज्जुद की नमाज़ पढ़ते हैं तो आप अल्लाह तआला की बहुत सारी रहमतों को हासिल कर सकते हैं
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